बरेली 22 जनवरी को श्रीराम अयोध्या में अपने जन्मस्थान पर विराजमान हो रहे हैं। हर ओर श्रद्धा का माहौल है। गांव, शहर, कस्बे राममय हो रहे हैं। ऐसे में उनकी याद आना स्वाभाविक है जिन्होंने राम जन्मभूमि के लिए आंदाेलन में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। भले ही इस आंदोलन में शामिल बड़ी संख्या में रामभक्त अब दुनिया में नहीं हैं लेकिन परिवारीजनों के लिए ये गर्व का क्षण है।वे उत्साह से भर उठते हैं कि जन्मभूमि पर रामलला के विराजमान होने में उनके भी किसी अपने का योगदान है। हालांकि वे करीब 34 साल पहले के उस आंदोलन के दौरान की यातनाओं को याद कर भावुक हो उठते हैं।
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