टिहरी के नैनबाग में नाग देवता का मंदिर है जहां पर लोगों की मनोकामना होती है पूरी।

टिहरी के नैनबाग में नाग देवता का मंदिर है जहां पर लोगों की मनोकामना होती है पूरी। 


टिहरी/ नैनबाग





यह स्थल अपने आप में नाग देवता को समर्पित हैं यह नाग देवता का एक मंदिर ओर एक तालाब है जिससे यहां की खूबसूरती और अधिक मनमोहक होती हैं साथ में यह से पूरे देहरादून जिले के जौनसार बावर ओर उत्तरकाशी जिले की गोडर खाटल और सम्पूर्ण पुरोला विधानसभा संपूर्ण क्षेत्र दिखाई देता है और टिहरी गढ़वाल में यह स्थान स्थित हैं जिससे यह स्थल अपने आप में तीन जिलों का केंद्र बिंदु बन जाता हैं क्योंकि यह तीनों जिलों की सीमा पर स्थित हैं



 यहां से तोड़ा नीचे नव द्वारिकापुरी भी हैं जो इसको अपने आप में एक मनमोहक ओर आस्था का केंद बनाती हैं यह से हिमाचल प्रदेश की ऊंची ऊंची चोटियों भी दिखाई देती हैं,इसीलिए इस स्थान को सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल अषाढ़थात के नाम से जाना जाता हैं,जो भी पर्यटक एवं भक्त प्रेमी यहां एक बार आता हैं, उसका मन यहां बार बार आने हो कहता हैं, और साथ ही यह आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना को लेकर आते है उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है ।


इस स्थान पर हर वर्ष 16,17, जुलाई को नाग देवता का एक विशाल मेला लगता हैं जो पौराणिक काल से चलता आ रहा हैं, इस श्री नाग देवता जी की डोली अपने गर्वगृह देवन से आती हैं,जो यहां मेला स्थल पर 16 जुलाई को पहुंच जाती हैं और 17 जुलाई को मेले में आए हुए हजारों हजार श्रद्धालुओं को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करके अपने गर्वगृह के लिए प्रस्थान करती है।