प्रसाद ग्रहण करने से मिलता है पुण्य श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का समापन भव्य भंडारे के साथ सम्पन्न।
रुड़की।
रिपोर्ट नीरज सिंह
ब्रह्मलीन श्री महंत गुलाब गिरी जी महाराज की प्रेरणा और आशीर्वाद से, श्री महंत रीमा गिरी जी महाराज एवं श्री महंत त्रिवेणी गिरी जी महाराज के सानिध्य में, श्री भवानी शंकर आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का भव्य समापन आज दिनांक 26 मई को प्रसाद भंडारे के साथ संपन्न हुआ। यह आध्यात्मिक अनुष्ठान (18 मई से 25 मई तक) श्रद्धा, भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की दिव्य अनुभूति का माध्यम बना। इस दौरान, कथा व्यास श्रद्धेय श्री महंत राहुल गोपाल जी महाराज (चित्रगुप्त पीठ, वृंदावन) ने अपने साक्षात अमृतमयी वचनों के माध्यम से श्रीमद्भागवत की गूढ़ शिक्षाओं को सरल एवं भावपूर्ण रूप में प्रस्तुत किया।
प्रसाद भंडारा को लेकर भक्तों का उत्साह अभूतपूर्व रहा। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूरे भाव और श्रद्धा के साथ प्रसाद ग्रहण किया। संतों, मातृशक्तियों, युवाओं, बालकों और सभी भक्तों के बीच सेवा और सहभोज का अद्भुत दृश्य देखने को मिला — जो एक सच्चे आध्यात्मिक समाज की झलक प्रस्तुत करता है। संपूर्ण आयोजन में स्थानीय नागरिकों, सेवाव्रती भाई-बहनों और आश्रम परिवार का सहयोग अत्यंत सराहनीय रहा। कथा का उद्देश्य केवल धर्म श्रवण नहीं, बल्कि कर्म, सेवा और परस्पर प्रेम का संवर्धन रहा — और इस उद्देश्य की पूर्ति कथा एवं भंडारे दोनों में सफलतापूर्वक हुई।
श्री भवानी शंकर आश्रम परिवार की ओर से सभी श्रद्धालुओं, सत्संग प्रेमियों, दानदाताओं और सेवा करने वाले सभी महानुभावों को सादर आभार और साधुवाद।
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